जय राम रमा रमनं शमनं
जय राम रमा रमनं शमनं भव ताप भयकुल पाहि जनं ॥ महि मंडल मंडन चारुतरं धृत सायक चाप निषंग बरं,
जय राम रमा रमनं शमनं भव ताप भयकुल पाहि जनं ॥ महि मंडल मंडन चारुतरं धृत सायक चाप निषंग बरं,
राम जी के नाम ने तो पाथर भी तारे जो न जपे राम नाम वो हैं किस्मत के मारे राम
मुझे है,काम ईश्वर से, जगत रूठे तो रूठन दे मुझे है,काम ईश्वर से, जगत रूठे तो रूठन दे कुटुम्ब परिवार
चित्रकूट के घाट घाट पर, शबरी देखे बाट, राम मेरे आ जाओ lll राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ
राम नाम की गूंज हो रही, आज जगत के कण कण में, मंदिर के निर्माण का शुभ दिन, राम लहर
राम जप राम जप, राम जप बावरे , राम जप राम जप, राम जप बावरे , घोर भव नीर निधि,
मेरी नईया में लक्ष्मण राम, नदियां धीरे बहो, मेरी नईया में सीता राम नदियां धीरे बहो, बड़े भाव से ये
जो राम को भूले वो ठोकर खाये, जो राम पुकारे उसे राम बचाये प्रेहलाद को जब मुशीबतो ने गेरा, खम्बो
राम राम बोल सब अयोध्या में जायेंगे, राम जी का नाम लेकर बिगड़ी बनायेगे भाग्य जो जगाए गे राम राम
कण कण में जो रमने वाला घट घट में समाया है जिसका नाम, त्रेता के है विष्णु अवतरण दसरथ सूत