
कुटिया निक्की जही मेरी
मैं किथे बैठावा राम कुटिया निक्की जही, मेरी सुबह तो हो गयी शाम कुटिया निक्की जही, जय श्री राम दो

मैं किथे बैठावा राम कुटिया निक्की जही, मेरी सुबह तो हो गयी शाम कुटिया निक्की जही, जय श्री राम दो

जीवन मौत का खेल है पगले क्या रोना क्या धोना जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले खिलौना रोते-रोते हंसना

रामा केहि विधि आऊं मैं पास तिहारे रामा केहि बिधि रामा केहि बिधि बादर बन उड़ जाऊं अवध को बरसी

आ मन बैठ ज़रा , राम जी के चरणों में, आ मन प्रीत लगा, राम जी के चरणों में, सुबह

राम का सुमिरन बड़ा सुखदायी, जुग के पालक हाइन रघुराई, राम शरण में मिलता सहारा, डूब रहे जो मिलता किनारा,

ऐसें मेरे मन में विराजिये ऐसें मेरे मन में विराजिये की मै भूल जाऊं काम धाम गाऊं बस तेरा नाम

जप राम राम बिना कोई न अपना ओ सुन मेरिये जिन्दे राम बना लै अपना जप राम राम बिना कोई

गिरता हु जब मुश्किल में जब दर्द से दिल भर जाता है तब सुनता वो दिल की सदा मेरे बिगड़े

प्रभु सुनो विनती हमारी छोड़ के सारी दुनिया को अब आये शरण तुम्हारी प्रभु सुनो विनती हमारी भव सागर में

सुन लो दुनिया वालो सीना थोक के केहने वाले है हम राम जी वाले सिया राम वाले है पत्थर सारे