कपि ने जपी माला सदा ही राम नाम की
कपि ने जपी माला सदा ही राम नाम की लगी लगन हमेशा ही उनको राम नाम की कपि ने
कपि ने जपी माला सदा ही राम नाम की लगी लगन हमेशा ही उनको राम नाम की कपि ने
राम राज के सैनिक है अपना तेवर दिखला देंगे, भारत के कोने कोने में भगवा अपना लहरा देंगे, जय सिया
केहड़े वेपरवाह दियां वेपरवाहियाँ ने तेरा वास्ते रेहमता लख बनाईया ने, तू भी कुझ कर बन्देया, जे तू कर सकदा
मतवाला हो जा मतवाला होजा तू राम भजन में मतवाला, मतवाला हो जा मतवाला होजा मतवाले थे वाल्मिक जी रामायण
वनवास मेरे प्राण का प्यारा चला गया, मेरी ज़िन्दगी का राम सहारा चला गया, कैकई ने ज़ुल्म ढाया है वचनों
आओ भगतो तुम्हे सुनाये कथा सिया वर राम की इस भूमि को नमन करो ये भूमि अयोध्या धाम की तपो
मेरी सुध लीजिये मेरे राम जी तूने भगतो के सारे कष्ट निवारे सारे पुरे किये है काम जी मेरी सुध
बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी ताली कृष्ण नाम की जी बोलो सब मिल के जय
श्रीगणेशायनम:। अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य। बुधकौशिक ऋषि:। श्रीसीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप् छन्द:। सीता शक्ति:। श्रीमद्हनुमान् कीलकम्। श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोग:॥ ॥ अथ ध्यानम्॥ ध्यायेदाजानुबाहुं
अवधपुर ले चल रे सजना यहाँ सजी है दीप मालकी हर पथ घर अंगना अवधपुर ले चल रे सजना याहा