
अश्रुधारा रूकती नही है
अश्रुधारा रूकती नही है मेरे मुह को कलेजा आ रहा भाई लक्ष्मण मुर्षित पड़े है, मेरा दम निकलता जा रहा

अश्रुधारा रूकती नही है मेरे मुह को कलेजा आ रहा भाई लक्ष्मण मुर्षित पड़े है, मेरा दम निकलता जा रहा

श्री राम का उसी जगह पै मंदिर बनना चाहिये रै जागो हिंदू भाइयों मिलकै आगे बढ़ना चहिये रै ॥ मुस्लिम

जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम, राम राजा की जय महाराजा की जय भगतो घर घर दिवाली

ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम, विनय भरा ह्रदय करे सदा जिन्हें प्रणाम। ह्रदय कमल, नयन कमल, सुमुख

राम सहारा है तेरा और सहारा कोई नही बनी बनी के सब कोई साथी,बिगड़ी का कोई मीत नही रुकना तेरा

दर्श पिया से खड़े दुआरे मेरे हो श्री राम तुम्ही हो सहारे, सोने नैन प्रभु मन निर्जन है, हमको तो

अवधपुरी गया पेहली वार मन को लुभाया ये दरबार कु सी दिल में उठने लगी राम प्रभु से हो गया

राम जैसा नगीना नही सारे जग की बजरियां में नील मणि ही जडाऊ गी अपने मन की मुदरिया में राम

हमे निज धर्म पर चलना सिखाती रोज रामायण सदा शुभ आचरण करना सिखाती रोज रामायण जिन्हे संसार सागर से उतरकर

राम भजन कर लेना ये जीवन है दो दिन का मेला कोडी कोडी माया जोड़ी भर गई तेरी पाप तिजोरी