
कलयुग बैठा मार कुंडली
कलयुग बैठा मार कुंडली जाँऊ तो में कहा जाँऊ । अब हर घर मे रावण बैठा इतने राम कहा से

कलयुग बैठा मार कुंडली जाँऊ तो में कहा जाँऊ । अब हर घर मे रावण बैठा इतने राम कहा से

राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी, हरि नाम मिश्री तू घोल घोल पी , हरे रामा हरे रामा रामा रामा

रघुवर तुमको मेरी लाज । सदा सदा मैं शरण तिहारी, तुम हो गरीब निवाज़ ॥ पतित उद्धारण विरद तिहारो, शरावानन

सिर पर सीताराम फ़िकर फ़िर क्या करना तेरे बिगड़े बनेगे काम्,फ़िकर फ़िर क्या करना पितु रघुबर श्री जानकी मैया,फ़िर क्यों

सुने री मैंने निरबल के बल राम , पिछली साख भरूँ संतन की अड़े सँवारे काम जब लग गज बल

सब मिलके अयोध्या आयेंगे और मंदिर वही बनायेंगे मेरे देश के मुस्लिम भाई हैं सठ निबहंगे सब मिलके अयोध्या आयेंगे

बजरंगी करते हुए आराम, जाम संवाली में जपने लगे राम राम, संकट जब बढ़ जाता है राम भगत गबराता है,

सब से बड़ी सरकार तेरी सब से बड़ी सरकार तेरा अयोध्या है दरबार प्रभु तेरी हो रही जय जय कार

मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम । मेरे नैनो की नगरिया में राम है ॥ मेरे

मूरख बंदे क्या है जग में तेरा, ये तो सब झूठा सपना है कुछ तेरा न मेरा, मूरख बंदे क्या