बनेगा मंदिर राम लला का
बनेगा मंदिर राम लला का सुन के सब की जलनी है, ये राम लला की धरती है यहाँ राम लला
बनेगा मंदिर राम लला का सुन के सब की जलनी है, ये राम लला की धरती है यहाँ राम लला
नाम जपले प्रभू दा प्यारे जग मेला चार दीना दा खडा सिर उत्ते काल पुकारे जग मेला चार दीना दा
राम ने रावण को मारा मैं भी एक रावण मारूँगा तेरी लंका आज उजाडूँगा जय जय श्री राम पुकारूँगा तेरी
दीप घी के जले है हम ख़ुशी में ढले, सब दिवाली मनाये है,आज राम जी घर आये है, संग है
तेरा मंदिर मैला है इसमें राम कहाँ से आवै, हाथ हाथ में कूड़ा चढ़ रहा कदे न झाड़ू लावे, कूड़ा
भगवान तुम्हारे मन्दिर में मै भजन सुनाने आया हूँ । घनश्याम के चरणों में मै दर्शन करने आया हूँ ॥
राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ अपना मुख मोड़ा, दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा । इक दिन बीता खेल-कूद
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये, काट वनवास चौदहा वर्ष का आज राम
राम नाम रस पीजै मनुवा, राम नाम रस पीजै तजि कुसंग सतसंग बैठि नित, हरि-चर्चा सुनि लीजै । काम क्रोध
ओ जाने वाले रघुवर को परनाम हमारा कह देना, परनाम हमारा कह देना सीताराम हमारा कह देना, श्रीराम की माता