मैंने छोड़ा जगत जंजाल
मैंने छोड़ा जगत जंजाल राम गुण गाने लगा, राम नाम की धुन में बहकर जीवन सफल बनाने लगा, मैने छोड़ा
मैंने छोड़ा जगत जंजाल राम गुण गाने लगा, राम नाम की धुन में बहकर जीवन सफल बनाने लगा, मैने छोड़ा
अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी, प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी , जाकी अँग-अँग बास समानी , प्रभु
मन में जिसके राम रमा गया परमधाम परम सुख वो पा गया जो श्री राम चरणों में समा गया मन
आज अयोध्या में उस्तव निराला, जप लो सिया राम नाम की माला, नारद जी गाये जय जय श्री राम, बजरंगी
बिगड़ी बात बना दे राम, नैया पार लगा दे राम, है राम सियाराम, हे राम सियाराम। घोर अंधेरा छाया हैं,
बड़े समय के बाद अवध , राम का दर्शन पाएंगे बनेगा मंदिर राम लला का , राम सिया संग आएंगे
बिलनी दे घर आये पराउने, कुटिया पे गयी तंग वे मैं किथे बैठावा, बिलनी दे घर राम जी आये, सीता
शरदा दे नाल कोई बुलान्दा नहीं, फेर कहंदे राम साड़े आंदा नाहियो, बिलनी ने बुलाये राम उसे वेले आ गए,
बन रहा है मंदिर अवधपुरी का धाम बैठे गे सज धज के हिन्द के राजा राम जय श्री राम बोलो
वां घर जाइयो ऐ नींद्रा ,जा घर राम नाम ना भावे, राम नाम ना भावे जा घर, हरी नाम ना