उठे तो बोले राम
उठे तो बोले राम, बैठे तो बोले राम। यो तो रामभक्त हनुमान, बोले राम राम राम॥ आकें राम नाम की
उठे तो बोले राम, बैठे तो बोले राम। यो तो रामभक्त हनुमान, बोले राम राम राम॥ आकें राम नाम की
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम विनय भरा ह्रदय करें सदा जिसे प्रणाम ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे
जो रात दिन सेवा करे श्री राम की जिसे लाल अपना मानती माँ जानकी आओ करे हम याद अंजनी लाल
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर से, क्यों पराजित हुआ आपसे युद्ध में, जानकी की वजह से ना मैं
राम राम रटते रटते राम राज लायेगे राम जी की सोगन्ध भगवा लहराए गे अब की राम भगतो अवोरुथ छाए
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे, मोहे राम नाम मन भाए गयो रे, बुढापा बेरी…. बचपन बीता खेलन में,माया
प्रीत सैया राम से लगाउगी , झोपडी अयोध्या जी बनाऊगी, सब देख लिया है तमाशा पूरी हुई मन की आशा,
राजीव लोचन राम आज अपने घर आए । कण कण पुलकित, पुरजन हर्षित, राम लकहन सिया जान मन भाए ॥
भजमन राम रे दीवाना नही तेरे भ्रम का नही ठिकाना भ्रम का नही ठिकाना रे झूठा है नेह लगाना भजमन
नखसिख छविधर की। आरती करिये सियावर की॥ लालपीत अम्बर अति साजे। मुख निरखत पूरण शशि लाजे। चंदन खोर भाल पर