
मैं पतित पुरातन तेरी शरण
मैं पतित पुरातन तेरी शरण मैं पतित पुरातन तेरी शरण, निज जान मुझे स्वीकार करो, हूँ कब कब का साथी

मैं पतित पुरातन तेरी शरण मैं पतित पुरातन तेरी शरण, निज जान मुझे स्वीकार करो, हूँ कब कब का साथी

राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनायेगे, कसम है खाते हनुमत की हम हर हिन्दू को जगायेंगे, कार सेवक बन

श्री राधे राधे राधे राधे राधे बोल, श्री राधे राधे राधे राधे राधे बोल मन राधे राधे राधे राधे राधे

सुबह को बोल शाम को बोल राम राम बोल क्या लागे तेरा मोल बंदे राम राम बोल जे नाम बड़ा

आई शुभ दीपावली आई घर घर में खुशियाँ छाई, आई शुभ दीपवाली आई मंगल दीप जलाओ जी राम लखन सिया

राम आरती होने लगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है गावे

ज़िन्दगी बेकार है ये दुनिया असार है, जिसने लिया राम नाम, उसी का बेडा पार है, उसी का बेडा पार

अयोध्या के धाम वस्ते है श्री राम, गूंज उठे कण कण में सिया राम जी का नाम, जो भी यहाँ

राम के नाम का झंडा लेहरा है ये लेहरे गा येह त्रेता में फेहरा है कलयुग में भी फेहरे गा,

राम आ जाणगे फेरा पा जाणगे घर मेरे वे मैं सदके जावा राम तेरे बिलनी जंगला नु साफ़ कर आई