सुन ले राम दी बानी
उठ जाग सवेरे नि जिंदडीये सुन ले राम दी वाणी, हूँ सत्संग कर ले नि जिंदडीये बड़ी किती मनमानी, उठ
उठ जाग सवेरे नि जिंदडीये सुन ले राम दी वाणी, हूँ सत्संग कर ले नि जिंदडीये बड़ी किती मनमानी, उठ
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो, राम जी ओ राम जी साँचा तेरा नाम जी, सब के दुःख
ऐसो कौ उदार जग माहीं । बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहि ॥ जो गति जोग
इसके रामउसके रामजो मन सुमिरैउसके राम ! कौशल्या केनंदन बनकर,चाँद खिलौनालेते राम! शिव धनुष कीप्रत्यंचा बाँधें,जनक सुतासीता के राम !
सुमिर राम का नाम, मन रे,सुमिर राम का नाम.राम नाम जप पाप निवारेराम नाम जप सब जग तारेतर जा भाव
मेरी छोटी सी नाव तेरे जादू भरे पाँव मोहे डर लागे राम कैसे बिठाऊ तोहे नाव में राम कैसे बिठाऊ
सुनो सिया मेरी बात राम फुलवरिया आए हैं राम फुलवरिया आए हैं जनक की फुलवरिया आए हैं कौन बरन है
याहा पे जन्मे याहा रहे मेरे अवध पूरी के राम आओ मिल के वही करे भव मंदिर का निर्माण बोलो
जब तें रामु ब्याहि घर आए।नित नव मंगल मोद बधाए। भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी। रिधि
राम नाम को भेज रे बन्देमन मंदिर राम बसेंगे मन मंदिर में राम बसे हैं राम शरण में आ के