
कहाँ के पथिक कहाँ कीन्ह है गवनवा
कहाँ के पथिक कहाँ कीन्ह है गवनवा कौन ग्राम के धाम के वासी, के कारण तुम त्यजो है भवनवा कहाँ

कहाँ के पथिक कहाँ कीन्ह है गवनवा कौन ग्राम के धाम के वासी, के कारण तुम त्यजो है भवनवा कहाँ

मैंने घी के दीप जलाए राहो में है नैन बिछाये, पूजा करती सुबह शाम जी मेरे घर आजो राम जी

चित्रकूट के घाट घाट पर शभरी देखे बाट राम मेरे आ जाओ, मन में है विश्वाश इक दिन पूरी होगी

अयोध्या का है सुन्दर नजारा । ये तो तीर्थो में तीरथ है प्यारा ॥टेक ॥ अयोध्या है बड़ा मनभवन ।

महल चौबारे तेरे साथ नहीं जायेंगे। अपने पराये तेरे साथ नहीं जायेंगे। जाये नेक कमाई तेरे साथ बन्दया। राम का

राम नाम सिमरो बनो रे भड भागी सब और से होगा मंगल ही मंगल खुद ही कहोगे मेरी किस्मत है

सीता राम सीता राम सीताराम कहिये जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये मुख में हो राम नाम राम सेवा

सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है लगे कुटिया भी दुल्हन सी मेरे सरकार आये है पखारो

डूब रही है देखो दुनिया की नाव जी, कोई अवतार लेके आओ श्री राम जी, तेरा ही सहारा है कोई

लिया फेंसला तयारी करलो मंदिर के निर्माण की, जय बोलो श्री राम की जय बोलो, लिया फेंसला तयारी करलो मंदिर