
राम भजन कर मन
राम भजन कर मन, ओ मन रे कर तू राम भजन। सब में राम, राम में है सब, तुलसी के

राम भजन कर मन, ओ मन रे कर तू राम भजन। सब में राम, राम में है सब, तुलसी के

राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान तेरा रामजी करेंगे

श्री अवधपुरी बेमिशाल हे सखी, सातो पुरी में सबसे कमाल हे सखी, श्री अवधपुरी बेमिशाल हे सखी……. वंदऊँ अवधपुरी अति

राम मेरे घर आना, श्लोक – चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे, तिलक करे रघुवीर॥

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे प्रभु के दर्शन की आस है, और भीलनी को विशवास है मेरे

बात छोटी है सर को हिला दीजिये पाँव अपना प्रभुजी धुला लीजिये हम है अनपढ़ कोई भूल हो ही गयी

देख करके हालत मेरे राम की,सरयू माँ के आँसू बह रहे हैं सूनी हैं गलियाँ अवध धाम की,सरयू माँ के

राम भजा सो जीता जग में, राम भजा सो जीता रे। हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी, पढ़ै भागवत गीता रे हिरदय

आ जीइ जो आ जाई जो म्हारा रामा राज कुमार भेगा आ जइयो, बाबा हो लीले असवार भेगा आ जइयो,

राम लक्ष्मण जानकी जय बोलो हनुमान की, राम लक्ष्मण जानकी जय बोलो हनुमान की, राम लक्ष्मण जानकी जय बोलो हनुमान