रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की नगरिया॥ मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की नगरिया॥ मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन
सुनो तो गंगा ये क्या सुनाए के मेरे तटपर जो लोग आए जिन्होंने ऐसे नियम बनाए के प्राण जाए पर
ਮੇਰੀ ਝੋਂਪੜੀ ਦੇ ਭਾਗ ਅੱਜ ਖੁੱਲ ਜਾਣਗੇ ਰਾਮ ਆਣਗੇ ਆਏ ਵਣਾ ਵਿਚ ਰਾਮ ਨੀ ਮੈਂ ਸੁਣਕੇ ਐਥੇ ਖੱਟੇ ਮਿੱਠੇ ਬੇਰ
जिनू राज सवेरे मिलना सी, एक रात दे विच वो फ़कीर भया | अवधपूरी के बाला दी दस कौन बदल
अवध में शुरू हुआ मंदिर का निर्माण चलो रे सब चलते है करने को श्रमदान, अवध में शुरू हुआ राम
सजी है राम की नगरी अयोध्या राम आये है अयोध्या राम आये है अयोध्या राम आये है, पर्तिक्षा रत प्रजा
तम्बू में न रहो मेरे राम जी मेरे घर आ जाओ, जो रुखा सूखा दिया आप ने भोग लगाओ, प्रभु
बोलो ए जमीं बोलो आसमां कोई तो जवाब दो खोलो रे जुबान कौन सी दिशा में गए मेरे भगवान बोलो
बेर मीठे मीठे मेरे हाथो से वो खाये गे, शबरी को भरोसा है के राम मेरे आएंगे, नैनो के सन्मुख
झूमता है गगन ये धरा और पवन देखो निर्माण मंदिर का होने लगा बने सुंदर भवन नाचे मन हो मगन,