एक दिन सीता माता ने छप्पन भोग
एक दिन सीता माता ने ,घर छपन भोग बनाया खाने के लिए महल में ,बजरंग बाली को बुलाया राम सिया
एक दिन सीता माता ने ,घर छपन भोग बनाया खाने के लिए महल में ,बजरंग बाली को बुलाया राम सिया
अब तो अयोध्या में, श्री राम का मंदिर बनेगा राम का मंदिर बनेगा, लला राम का मंदिर बनेगा उत्सव ये
पापियों के नाश को, धर्मं के प्रकाश को, रामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली, श्री रामजी की सेना
तुम्हे कसम है भगवा वालो चली अयोध्या धाम को, राम के दम पे सत्ता पाये भूल गये है राम को,
राम राम बोल बेला होया सत्संग दा प्रेम वाली गली विचो कोई कोई लांगदा भागा वाला लांगदा नसीबा वाला मेरे
श्रीराम चरितमानस मंगलकारी है ये तुसली किर्त रामायण भव भये हारी है, श्रीराम चरितमानस मंगलकारी है सब से निराला सब
कोई पीवो राम रस प्यासा, कोई पीवो राम रस प्यासा गगन मण्डल में अली झरत है, उनमुन के घर बासा
इक बार भजन करले मुक्ति का यतन करले कट जायेगी चोरासी तू राम भजन करले, इक बार भजन करले ये
हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम: हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, हम भी तुमको दिल दे बैठे, जग पावन नाम जपे धड़कन, तेरी
रतन सिंहासन राम विराजें,आई घड़ी महान धूमधाम से अवधपुरी में हो मंदिर निर्माण , अँखियाँ तरस गई सदियों से ,झूमे