जहाँ भजहीं मन वहीं मिले
जहाँ भजहीं मन, वहीं मिले श्री प्रभु रघुनायक, भक्त हितैसी, प्रभु श्री राम, बसहीं कण-कण में, दर्शन पाई वो, क्षण-प्रतिक्षण
जहाँ भजहीं मन, वहीं मिले श्री प्रभु रघुनायक, भक्त हितैसी, प्रभु श्री राम, बसहीं कण-कण में, दर्शन पाई वो, क्षण-प्रतिक्षण
राम प्रभु आधार जगत के, राम जीवनाधार । राम एक आदर्श हमारे, वंदन करूँ हज़ार ॥ दो अक्षर की अमोघ
दीप जले है हर घर में देखो आज आई दीपावली, रोशन है हर घर खुशियों से भर भर आज आई
भगवा धारी आ रहे है अयोध्या नगरी को अपनी जन्म भूमि पर डेरा अपना लगाने को, साथ में लक्ष्मण सीता
अयोध्या में राम लाला की पावन जन्म भूमि पर, दसरथ नंदन राम प्रभु का बन रहा है बंधन धर्म सनातन
जप जप के सीता राम मेरा काम हो गया, तुम नाम था मशहुर मेरा नाम हो गया, जप जप के
राम कहो राम कहो राम कहो राम कहो वनवारे, अवसर न चूक हो पायो फ्लो वनवारे, राम कहो राम कहो
पांच अगस्त के दिन पूजन है खुशियाँ मना लेना अरे ओ भैया जी भगवा ध्वजा उठा लेना मंदिर बने गा
पेहले नही देखा कैसे हो भरोसा इतना बता हनुमान तेरी राम जी से क्या पहचान कौन सी घड़ी में कौन
आज मस्ती में बेठे हनुमान जी, जपे राम राम जी, करे सांसो की माला से ध्यान जी, जपे राम राम