कण कण में महाकाल वसे है
कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है, प्राणो में है माता जानकी मन में वसे
कण कण में महाकाल वसे है जन जन में श्री राम है, प्राणो में है माता जानकी मन में वसे
भजले राम राम तू सुबहो शाम सुन ले रे ललन टाप, आरे हो गये आसान तेरा रे हर हर कर
अरे उड़े रे ध्वजा देखो राजा राम की, मैंने ओड़ी रे चुनर देखो राम नाम की, हर हिन्दू है याहा
बिना चरणों के धोये , कैसे उतारू गंगा पार कैसे गंगा पार , उतारू कैसे गंगा पार बिना चरणों के
तेरी सांस पे सांस लूटी पगले फिर क्यों नहीं राम भजे , जीवन की शाम हुई पगले फिर क्यों नहीं
जै जै राजा राम की जै लक्ष्मण बलवान, जै कपीस सुग्रीव की जै अंगद हनुमान॥ जै जै काग भुसुण्डि की
शरण में ले लो हे श्री राम बन जायेगे बिगड़े काम शरण में ले लो हे श्री राम दुनिया में
दीप जलावो मंगल गावो खुशियाँ मना वो रे राम लला घर में आयेगे पूरी अयोध्या को तो हम भी सजायेगे
गणना मौसमी ना मिले आम रस में, ले ले रे मजा ले ले बंधू पी के राम रस में राम
राम नाम अति मीठा है, कोई गा के देख ले आ जाते है राम, कोई बुला के देख ले आ