सिया राम में यारा यारा
सिया राम में यारा यारा सीता राम में तारा मोहन की धेनु से बरसे प्रेम की अमृत धारा, बोलो राम
सिया राम में यारा यारा सीता राम में तारा मोहन की धेनु से बरसे प्रेम की अमृत धारा, बोलो राम
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत
सुन मना पंशियाँ ले जा सुनेहा मेरे राम नु, राम जी नु लै जा घनश्याम नु लै जा सुन मना
राम तुम बड़े कृपालु हो, शाम तुम बड़े दयालु हो । नाथ तुम बड़े दयालु हो,प्रभु जी तुम बड़े कृपालु
हुआ फेंसला राम लला का अवध पूरी मुस्काई है, अनाये पे नाये ने फिर से विजय आज पाई है, अवध
हेली म्हारीं होज्या ये भजन की लार, बता ड्यून तन्ने राम नगरी, हेली होज्या ये भजन की लार, बता ड्यून
राम जी की बोल जय जयकार राम जी की सेना चली, राम जी की सेना चली राम जी की सेना
राम कहानी सुनो रे राम कहानी … युगो युगो से जिसको वेदो ने वखानी राम कहानी …॥ जब राज तिलक
तू तो राम सुमिर जग लाडवा दे लाडवा दे लाडवा दे देजग लाडवा दे कोरा काग़ज़ काली स्याही लिखत पढ़त
जीवन गवाने वाले जीवन क्यों व्यर्थ गवाए प्रभु की शरण में क्यों ना आये, काहे लुटाये तू समय अन्मुला दोलत