मनुख जन्म नहियो मिलना दोबरा
मनुख जन्म नहियो मिलना दोबरा, राम दा नाम तू जपले, राम दा नाम तू मनुहा, जिह्ना ताहि तू मंदे कम
मनुख जन्म नहियो मिलना दोबरा, राम दा नाम तू जपले, राम दा नाम तू मनुहा, जिह्ना ताहि तू मंदे कम
राम नाम है पारस जग में मिलता है बिन दाम कंचन करले काया अपनी बोल सुबह और शाम जय जय
राम नाम जपने वाले को राम मिलेगा , राम नाम जपने वाले को राम मिलेगा, राम मिलेगा, उसे राम का
राम नाम गा ले मन पीछे पछतायेगा, जिस पर प्रभु हो दया भव से तर जाएगा, राम नाम गा ले
देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े । अंगत सुग्रीव जामवंत बलवान रो पड़े ॥ लंका विजय की
वन को चले दोनों भाई अवध से, अरे वाको को रोको री कोई. आगे आगे राम चलत हैं पीछे लक्ष्मण
दीपोत्सव का पर्व मनाओ बोलो जय श्री राम की श्री राम श्री राम श्री राम जय जय राम, जय बोलो
चारों दूल्हा की आरती उतारू ऐ सखी चितचोरवा की आरती उतारू ऐ सखी दुल्हिन स मिथलेश कुमारी दूल्हा दुलरवा स
सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई भज मोरे भाई भजो रे मोरे भाई सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई यही
राम जी के नाम ने तो पाथर भी तारे जो न जपे राम नाम वो हैं किस्मत के मारे राम