
सीता राम के प्यारे पवन कुमार
सीता राम के प्यारे पवन कुमार हनुमत वीरा बजरंगी अपने भगतो का लगा दो बेडा पार हनुमत वीरा बजरंगी, रोम

सीता राम के प्यारे पवन कुमार हनुमत वीरा बजरंगी अपने भगतो का लगा दो बेडा पार हनुमत वीरा बजरंगी, रोम

श्री राम जय राम, जय जय राम, श्री राम जय राम, जय जय राम रघुपति राघव, राजा राम, श्री राम

श्रीराम हरे श्रीराम हरे, श्रीराम हरे श्रीराम हरे श्यामल सुंदर सुखधाम हरे, श्रीराम हरे श्रीराम हरे प्रभु नीलोत्पल हैं कमलनयन

आए हैं प्रभु श्री राम, भरत फूले ना समाते हैं, तन पुलकित मुख बोल ना आये प्रभु पद कमल रहे

मुझे राम से मिला दे, बाला तू करदे किरपा, तू है राम का दीवाना जाने पता ठिकाना, देखि सिया ने

हे राम तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी को हो जाए दो चार जनों की बात तो क्या संसार का

चारों ललना प्रकट भये आज, अवध में लडुआ बटें, अरे झीनो झीनो उडत गुलाल अवध में लडुआ बटें , मुतियन

राम राम बोल वेला होया सत्संग दा, प्रेम वाली गली विचो कोई कोई लंग्दा, भागा वाला लंगदा नसीबा वाला लंगदा,

शबरी पर भगवान श्री राम जी की कृपा, नवधा भक्ति उपदेश : नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु

राम मन भाएंगे, काम बन जाएंगे, मेरी चाहत यही रघुनाथ से, प्रभु पास रहें, मेरी गलतियां माना कम नहीं, तेरी