जय जय राम रमापति रघुवर
जय जय राम रमापति रघुवर जय जग के उजियारे राम, जय दसरथ के राज दुलारे कोश्याला के प्यारे राम, जय
जय जय राम रमापति रघुवर जय जग के उजियारे राम, जय दसरथ के राज दुलारे कोश्याला के प्यारे राम, जय
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया! शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा, कारी कारी कजरारी
राम कहने से तर जाएगा, पार भव से उत्तर जायेगा । उस गली होगी चर्चा तेरी, जिस गली से गुजर
क्यों वीरान अयोध्या राम बिना यु है, संकट मोचन के घर में संकट क्यों है, आज पुकार करे सरयू की
जिसके हिर्दये में राम नाम बंद है, उस को हर घडी आनंद ही आनंद है, लेकर सिर्फ राम नाम का
राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ये तन है जंगल की लकड़ी आग लगे जल
समय की सुई रह गई इक पल खड़ी की खड़ी, सिया राम की नजरियाँ फुलवरियां में पड़ी सूरत मूरत लागे
भजमन राम नाम सुख दाई, राम नाम के दो अक्षर में सब सुख शांति समाई, भजमन राम नाम सुख दाई,