अमरकथा श्री धोली सती दादी की
भजो मन दादी दादी नाम जपो मन दादी दादी नाम जय जय जय धोली सती दादी जय फतेहपुर धाम जपो
भजो मन दादी दादी नाम जपो मन दादी दादी नाम जय जय जय धोली सती दादी जय फतेहपुर धाम जपो
सबसे बड़ी सरकार तेरी,सबसे बड़ी सरकार तेरा फतेहपुर में दरबार,तेरी हो रही जय जयकार हमने तो लिख दिया है दादी
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल, तन धन नारायण का संगम है ये तिरसुल, जरा
नाचो गाओ ख़ुशी मनाओ झूमो रे सब आज की दादी आई है,नाचो गाओ ख़ुशी मनाओ झूमो रे सब आज आई
म्हापे जद भी मुसीबत कोई आवन लागे, माहरे सिर के ऊपर चुनड़ी लेहरावण लागे, जद नैया हिचकोले खावे माँ थारी
हम दादी के लाडले हम पर किसका जोर पल पल रक्षा करती माँ ये सतियो की सिरमोर हम दादी के
मेहँदी लेकर आई है मैया साथ में झीनी झीनी रचेगी तेरे हाथ में मेहँदी लेकर आई है मैया साथ में
मैया जी मैं तो आया थारे द्वार जी, टाबरियां कानी मुह्लको तो सही कोई लाया रोली मोली कोई लाया मेहँदी
इमें भाव भरा है दादी थे करलो माँ सवीकार लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार धनी प्रेम सु
अखिया न चुराओ दादी मांगने ना आये है, हम तो दादी आज आपका हाल जानने आये है, बोलो बोलो मावड़ी