
तेरा मंगल हॉवे
मंगल पाठ करो दादी का दादी जी खुश हॉवे तेरा मंगल हॉवे, जीवन भर तू मौज उडावे खोटी तान के

मंगल पाठ करो दादी का दादी जी खुश हॉवे तेरा मंगल हॉवे, जीवन भर तू मौज उडावे खोटी तान के

माँ के रहते भगत कभी रो नहीं सकता, भक्त भुलाये माँ नहीं आये हो नहीं सकता, भगत तो जान है

थारी चुनड दादी जी लेहर लेहर लहराई रही, भादी मावस जद बी आवे मन म्हारा हर्शावे थारी चुनड की छाया

जिस घर में दादी का मंगल, उस घर में केवल मंगल ही मंगल होता है, गीता रामायण जैसा ये मंगल

दादी थारे मंदिरियो चाकर रख लो , चाकर नहीं तो दवारपाल रख लियो, कभी नागा न मारु मैं रोज काम

चंदा तेरी चांदनी मांगे हाथ पसार, माँ की चुनड़ी चमका दे और चमका दे शृंगार, चंदा तेरी चांदनी…. मैया रानी

झुंझनू में रानी सती माँ का सच्चा दरबार है, दादी का परिवार है ये दादी का परिवार है, झुंझनू में

माहरे सिर पे है मैया जी को हाथ कोई तो मारो ताहि कर सी, जे कोई माहरी मैया जी ने

महसर जाके मैया मेरी मौज हो गई, होली और दिवाली मेरी रोज हो गई, तेरे नाम का डीप जलाया बिन

जय हो महासर धाम की, जय हो माँ के नाम की, लो आ गया मेला तेरा सब नाचते छम छम,