प्रेम तुम्हरा मुझको झुँझन खींच लाता है
बहदो का जब जब माँ मेला आता है, प्रेम तुम्हरा मुझको झुँझन खींच लाता है, आँखों में जब तेरा चेहरा
बहदो का जब जब माँ मेला आता है, प्रेम तुम्हरा मुझको झुँझन खींच लाता है, आँखों में जब तेरा चेहरा
जिनका मेरी मैया से लगाव हो गया दूर ज़िन्दगी का हर अभाव हो गया नदी वो मिली है सागर में
प्राणों से भी प्यारा दादी धाम तुम्हारा, दर्शन कर हो जाता ये जीवन सफल हमारा तूने सब को तारा सब
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है, ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,
मावड़ी ले ले परीक्षा जितनो जी करे म्हारो डगमग ना होवै पक्को विस्वास मावड़ी ले ले परीक्षा जितनो जी करे
शक्ति कोटासर धाम हैं, कलजुग के अवतार, भलो कीजौ भक्त को, माँ विनती बारम्बार, ॐ जय श्रीशक्ति दादी,माँ जय श्रीशक्ति
म्हारी कुल देवी महारानी की साँची सख्लाई जी देखो चुनड ओह्नडन मैया माहरे घर आई जी, सुनी सुनी चुनड थारी
झुंझनू में मोटी सेठानी, डोकवा में लाडो नारायणी तनधन बाबा ने जहाँ दिया बलिदान , रानी सती के सत का
नमो नमो नारायणी… जय नमो नमो नारायणी… जय नमो नमो नारायणी… नमो नमो नारायणी… जय नमो नमो नारायणी… जय नमो
चुनड़ी जयपुर से मंगवाई झुंझुनू वाली को उड़ाऊ, चुनड़ी दादी के मन भाई ओड चुनड दादी मुस्काई, सवर के सजके