बदले गी किस्मत की लेख चुनड़ी
इक वार ओड़ा कर तो देख चुनड़ी, बदले गी किस्मत की लेख चुनड़ी, हलकी बारी की तू चिंता मिटा दे
इक वार ओड़ा कर तो देख चुनड़ी, बदले गी किस्मत की लेख चुनड़ी, हलकी बारी की तू चिंता मिटा दे
दुनिया से सहारा क्या लेना बस तेरा सहारा काफी है , कुछ करने की क्या जरुरत है तेरा इक ही
फूलो से राज रानी का झूला सजा दियां, आ जा ना मेरी दादी माँ उत्सव जो आ गया, फूलो से
हम नील गगन पे दादी तेरा डंका बजाते, भगतो का चलता जोर तो मंदिर चाँद पे हम बनवाते, हम नील
भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा रे, दुःख पावे है टाबर थारा आके कष्ट मिटा जा रे, सिर
दुनिया की बातो पर न ध्यान दिया कीजे दादी को सुमिर करके हर काम किया कीजे दादी के सुमिरन से
दादी इतनो सो कर दो बेटी के सिर पे, थे हाथ जरा धर दयो सेवा में ले लीजो मने एसो
झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है उनके ही इशारों चलता ये संसार है
दुःख का जब बादल छावे कोई न धीर बंधावे, हिवड़े लगावे दादी चाव से माहने, आफत जब आवे माह में
बिरमित्रापुर का मंदिर इक सपना सा लगता है, मंदिर का कोना कोना अपना सा लगता है, बिरमित्रापुर का मंदिर इक