सेवा में दादी थारी मैं तो रम जाऊ माँ
सेवा में दादी थारी मैं तो रम जाऊ माँ थे जईआ मने बड़ाउ गा बहिया बन जाऊ माँ सेवा में
सेवा में दादी थारी मैं तो रम जाऊ माँ थे जईआ मने बड़ाउ गा बहिया बन जाऊ माँ सेवा में
मेरी जिसके भरोसे चलती जीवन नैया कोई और नहीं वो झुँझन वाली मैया, जिसने थामी पग पग मेरी बहियाँ, वो
दादी को है मेलो सजा ले तू थाल चाल मेरे सागे तू झुंझुनू में चाल भादों और मंगसीर में मेलो
मंदिर में डट कर बैठी भोली माँ भवानी, कोई कहता सेठानी कोई महारानी, सारी दुनिया में माँ शोर यही है,
हाथ में राचणी मेहँदी मैं आज रचाऊ गी, माँ कर सोल्हा शृंगार मैं उत्सव मनाऊंगी, घर का कोना कोना मैंने
बड़े प्रेम से माँ को रिजाता जो होगा, जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा, बड़े प्रेम से माँ को
म्हारी मावड़ी को आयो है सन्देश ले चालो माहने पीहर, महारी दादी जी को आयो है सन्देश ले चालो माहने
तेरा ढांढन धाम मिलेगा देख ले भगतो का चीर के कलेजा देख ले ढांढन तेरा दिल में समाया हुआ है
लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम, दादी जी के चरना में तो माहरा चारो धाम, लेवा
विनती करे है मैया सुन ले पुकार माँ, इक वारि आके मियां जाना न तू माँ, आवो मेरी माँ रानी