ओढो दादी माँ
ओढो़ दादी मां .थारी चुनर लायां हां म्हें तो म्हारी मैया न. उढावण आया हां . लाल सुरंगी चुनर लाया
ओढो़ दादी मां .थारी चुनर लायां हां म्हें तो म्हारी मैया न. उढावण आया हां . लाल सुरंगी चुनर लाया
बैंकॉक में दादी का झंडा लहराएगा , राणी सती का जयकारा घर घर गूंजायेगा । राणी सती दादी के भजनों
म्हाने दादी प्यारी लागे, झुंझनू वाली मन भावे या मोटी सेठानी म्हाने बहुत प्यारी लगे, थारे सिर पे चुनरियाँ चमके
एहसान ले किसीका हम को नहीं गवारा, जीन को जब है काफी तेरे नाम का सहारा, एहसान ले किसीका हम
ओड चुनरियाँ लाल बैठी है दादी सझधज के, देखलो दादी को दरबार बैठी है दादी सझधज के बिंदियां को रंग
थारो देख लियो दरबार इब के मांगन की दरकार नाही हीरा-मोती,नाही सोना-चांदी चाहिए, म्हाने तो बस म्हारी झुंझनवाली दादी चाहिए
ऊबो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी , बोल कुण सो भजन सुनाऊं मावड़ी । बोल कुणसी सेवा निभाउँ मावड़ी, बोल तन्ने
जय माता की…जय माता की.. डंका जग की महारानी का, बजता माँ जीण भवानी का, गोरिया जैसा धाम नहीं, है
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे, हर घर घर नारानी गूंजे बस नाम तेरे , दादी
मिल रहा है प्यार कितना दादी तेरे धाम, क्यों रहु मैं दूर तुझसे प्यारी मेरी माँ, चुनड़ी के पल्ले से