दादी को नाम अनमोल
दादी को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, मैया को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, गंगा भी बोले दादी
दादी को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, मैया को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, गंगा भी बोले दादी
चिट्ठी आई रे झुंझनू से म्हारी दादी की चिट्ठी आई रे…चिट्ठी आई रे… दादी की जी म्हारी मइया की… चिट्ठी
आओ माँ आओ माँ भगतो के घर कभी आओ माँ, परिवार तुम्हारा है हमे तेरा ही सहारा है, आओ माँ
सब से पहले हाथ जोड़ कर मैया तुम्हे मनाता जय हो पहाड़ी माता जय हो पहाड़ी माता, पूर्व जन्म के
तीजया के सिंधारे में मैं दादी ने बुलावांगा, मैया जी का रल मिल के लाड लड़ावा गा पहलया तो चन्दन
दादी जी म्हारे घरा पधारी तन धन जी भी साथ है, म्हारे घर में सेठानी को आज मंगल पाठ है,
किसको सुनाऊ फर्याद मैं कैसे आउ झुंझनू, मेरा जीवन सुधार मैया सुन ले पुकार, सुना सुना संसार बहे अनसुइयो की
कलयुग में दादी सब की निगहेबान रहेगी, हर भगत पे हर वक़्त मेहरबान रहेगी, जो भगत मेरी मैया का गुण
जब तक हो दादी जीवन मेरा, छूटे कभी ना ये ढाढण तेरा, तेरी सेवा में रहे अर्पण तन मन मेरा,
झुँझन वाली का लाड लड़ावन आया हां, मुकलावा दादी जी थारो मैं भी लाया हा, जयपुर की मैं चुनड़ी लाया