तेरी दादी पहरेदार श्री रानी सती दादी भजन
खूंटी तान कर के सोजा,तेरी दादी पहरेदार करे तेरे घर की रखवाली होक सिंह सवार खूंटी तान कर के सोजा,तेरी
खूंटी तान कर के सोजा,तेरी दादी पहरेदार करे तेरे घर की रखवाली होक सिंह सवार खूंटी तान कर के सोजा,तेरी
तर्ज – तुम आये तो आया मुझे… धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता, वहां झुंझुनु है एक
भगतो पे किरपा करती है झुँझन वाली माँ मेरी, हे सब की झोली भर्ती है झुँझन वाली माँ मेरी, जो
झिलमिल तारा ऋ आ चुनरी उढावे भाई, उड़ावे भाई जी ओहडो माहरे भाई, झिलमिल तारा ऋ आ चुनरी उढावे भाई,
थे म्हारे घरां आया धन्यवाद दादीसा, थारा टाबरिया ने दीजो आशीर्वाद दादीसा, धन्य हुआ म्हें थारा दर्शन पाकर, राखली थे
जिस दिन से आये तेरे शरण खुशियों से महका ये जीवन, जन्मो जन्म तेरे है हम अब तू ही हमे
ओम जय श्री जीण मइया बोलो जय श्री जीण मइया सच्चे मन से सुमिरे सब दुःख दूर भया ओम जय
हर जन्म में दादी तेरा साथ चाहिए, सर पे मेरे मात तेरा हाथ चाहिए । सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए,
महरे कालजे पे राख के तू कान सुन ले, माहरे धड़कन से निकले तेरो नाम सुन ले, सूरत थारी मन
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई रानी सती दादी मेरे घर आई, झुंझुन वाली मैया मेरे घर आई, मैया ओढ़