दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे
थारे चरना माहि लाडो को ठिकानों लागे दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे, थारे चरना माहि लाडो को ठिकानों लागे
थारे चरना माहि लाडो को ठिकानों लागे दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे, थारे चरना माहि लाडो को ठिकानों लागे
संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है, भारी है माँ भारी है था पे भरोसा भारी है,
दादी माँ दया करो मेरी फर्याद सुनो, दर पे भुला के दादी गम से आज़ाद करो , हाथ मेरे सिर
झुंझन वाली रानी सती का प्यारा सजा दरबार है बैठ शिंगासन म्हारी मैया खूब लुटा रही प्यार है, झुंझन वाली
दादी तेरे चरणों में है मेरा तो है गुजारा तेरी सेवा में है अर्पण मेरा ये जीवन सारा, हे ज्गजनी
डोले डोले सब भक्ता रो मन डोले दादी थारे डागडे पे मोर बोले दादी थारे मंदरिए पे मोर बोले सारे
भक्त भुलावे भेगा आवो महारी दादी जी, टाबरे ने कालजे लगाओ म्हारी दादी जी, बालका ने कालजे लगाओ म्हारी दादी
चूनड़ ल्याया हां भवानी जी थारा सेवक आज रे ओढो ओढो न दादी जी थोडा आगे आये रे, मान राख
जिस नैया की झुंझुनुवाली खुद ही खेवनहार वो नैया पार ही समझो , बिना पतवार ही समझो, तूफां में कश्ती
चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के, राख लीजै मान म्हारी चुनड़ी नै ओढ़ के, चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई