
साई ओ साई
साई ओ साई , छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया, सारे नाते सारे बंधन सब मैं तोड़ के

साई ओ साई , छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया, सारे नाते सारे बंधन सब मैं तोड़ के

बिगड़ी बात बनाते देखा एक फकीरा शिरडी में, दुखड़े दूर भगाते देखा इक फकीरा शिरडी में, बड़े निराले काम है

हम दीवानों को फ़िक्र क्या शिर्डी वाला साथ है, लाज अपनी अगर गई तो साईं जी को लाज है, विष

सुनो फर्यादा वे सोहने बाबा तेरे बिन जिया जाए न, मेरी फरयाद सुन मेरी फरयाद सुन, तेरे बिन मेरा ना

बाबा जी की गली में मकान होना चाहिए, दिल वाला पूरा अरमान होना चाहिए, बाबा जी की गली में मकान

यारी जदो दी फकीरा तेरे नाल लाइ आ, मिली ओहदो तो निमानिया नू बादशाही है, जे साणु रब दा फकीरा

उसका दुनिया क्या कर लेगी जिसका तू रखवाला है, शिरडी साई नाथ घर घर बोल बाला है, साई राम साई

साई दर पे जो सिर को झुकाये, उस को साई गले से लगाए, साई जी का जो भी दीवाना हो

तुला खंदयावार घेईन तुला पलखित मीर्विन 2 साईबाबा मी शिरडीला पे चलत यें 2 पे चलत नेलया श्रधा सबूरी वलयाण

केहना न बाबा ये सबके सामने आता हु हर पल मैं तुझसे मांग ने, सब जान जो जायेगे मेरी हसी