
दिल से जो निकली सदा येही आई,
दिल से जो निकली सदा येही आई, होठ खुले तो बोलू मैं साई साई, भोर बाई है देखो पंछी भी

दिल से जो निकली सदा येही आई, होठ खुले तो बोलू मैं साई साई, भोर बाई है देखो पंछी भी

तन में राम मन में राम,रोम रोम में समाया, साईं नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया, झूठे बेर साईं

शिरडी मैं आया एक फकीर सबके दिलो पे छाया फ़कीर लोगो ने जब नाम है पुछा नाम न उसने बताया

जशने साई का भुलावा माई का, नाचो गाओं ख़ुशी मनाओ आया मेला साई का, जशने साई का भुलावा माई का,

दरबार एसा सजाया है, दिन आज ख़ुशी का आया है, आओ भगतो मिल कर नाचे कैसा शुभ दिन आया है,

ओ साई शिरडी वाले ओ साई, अगर फुर्सत मिले जरा सी तो घर मेरे आना, ओ साई शिरडी वाले ओ

गजब की रचना तेरी है रचना कार, सब को आकार देकर खुद रहा नीरा कार, गजब की रचना तेरी है

बोलो साईं का एक तारा तुनक तुनक तुनक तुन, का ध्यान है मन में तेरा जरा ले सुन सुन सुन

पार होने के लिए हो जा उनका, तू अँधेरा नहीं है तू है रोशन चराग़ उनका, जाग उठने के लिए

साई दिया क्या बाता ओ बन्दिया मौला दियां क्या बाता, साई के चरणों में मिलती है खुशियों की सौगात, साई