तेरा हाथ जिसने पकड़ा वो रहा ना बेसहारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा, वो रहा ना बेसहारा । दरिया में डूब कर भी उसे मिल गया किनारा ॥ आनंद
तेरा हाथ जिसने पकड़ा, वो रहा ना बेसहारा । दरिया में डूब कर भी उसे मिल गया किनारा ॥ आनंद
इतनी सी विनती मेरी शिर्डी वाले, तू भी संभाले के मेरा कोई नहीं है अँधेरी जिंदगी में साईं कर दे
रख भरोसा साईं ते,तेरी भेडी पार लगाये गा, दिल दी एक आवाज ते साईं दोरहा दोरहा आयेगा, एवे हिमत हार
धरती उपजे हीरे मोती माला पिरोवे साई, बन के जोगी तू मलंगा मनके फेरे साई, साई ओ मेरे साई साई,
बिगड़ी किस्मत को बनाना साई जी का काम है, रोते को पल में हसाना साई जी का काम है, किस
शिरडी धाम है तुझसे ओ शिरडी वाले, मैंने तो अपना जीवन कर दियां तेरे हवाले, शिरडी धाम है तुझसे ओ
कितना रोया दास गणु साईनाथ के लिए, साई इक बारी आ जाओ इस अनाथ के लिए, कितना रोया दास गणु
सब का राखा एक साईं राम, मन की तरंग को मार ले मानसू घट में जाकर देख सब का राखा
साईं चरणों में है दुनिया याहा, मेरे साईं मेरे बाबा सब से महान मन से मैं तुझको पुकारू सुन विनती
हमे फ़कीर जान के खैरात जिसको दी उस ने दुआए देकर मुकदर बना दिया गरीब है गरीब है होठो पे