
ऐसा साईं का मुझपे रंग हो गया
मैं तो मस्ती में मस्त मलंग हो गया, ऐसा साईं जी का मुझपे रंग हो गया, मेरे जीने का मस्त

मैं तो मस्ती में मस्त मलंग हो गया, ऐसा साईं जी का मुझपे रंग हो गया, मेरे जीने का मस्त

रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं रख लेना मेरी तू लाज मेरे साईं जग है लुटेरा मैं अकेली

मन मोह लिया मेरा सतगुरु ने किते दिल नु होर लगावा की, ओह्दी महिमा तक तक जी न भरे किसे

भूल चुक दिलो विसार असी ओगन हारे, तू है बक्शन हार असी ओगन हारे, बचिया दी भुला नु चेते ल्यावी

जोगियां तेरे दर पे कमाल हो गया, मैं तो आया तेरे द्वार सुन ले मेरी पुकार, भीख मांगी तो मैं

साई क्या करू तारीफ तेरी, तू ही दीखता हर मंजर में इस ज़मीन और उस अम्बर में, हर जगह है

ये तेरा करम है साई मेरी बात जो बनी है, मेरी बात जो शिरडी वाले, ये तेरा करम है साई

चलो हाज़िरी लगाने दरबार, साई की सब बोले गे जय जय कार, चरणों को चूमे गे सिर जो झुका के,

साईं नाथ सुनो अर्जी ये मेरी साईं जी तेरे दर आ गया, मेरी बारी बाबा करना न देरी मैं साईं

मंगतो की दर पे भीड़ लगी है, साई का दर तो इब ने सखी है, दर पे दीवाने झूम रहे