
साई दीदार ही रब का दीदार है
साई दीदार ही रब का दीदार है, मेरा ईमान मेरा धर्म हो गया, जबसे देखा तुझे मरहबा मरहबा, साई मेहबूब

साई दीदार ही रब का दीदार है, मेरा ईमान मेरा धर्म हो गया, जबसे देखा तुझे मरहबा मरहबा, साई मेहबूब

नीम की ठंडी छाव में बैठे मेरे साई, नीम है शिरडी गाँव में बैठे मेरे साई, भक्तो दर्शन करलो, भक्तो

शिर्डी का मेला मुझसे कही छुट न जाए, क्यों गाडी लेट चलाये क्यों गाड़ी लेट चलाये, साईं राम कहिये राम

सुख भी हमें प्यारे है दुःख भी हमें प्यारे है, छोडू मैं किसे साईं दोनों ही तुम्हारे है, सुख दुःख

कोई रंग सादा कोई रंग पीला, साईं दा दर है बड़ा सजीला, साईं दे रंग विच जो वी रंगियाँ, वो

साई के नाम से भव सागर पार हो जाये, तेरे सब पापो से तुझको निजात मिल जाये, तेरी हर बात

चलो रे चलो शिरडी साई दरबार में, वो खजाना बैठा मेरा बाबा बैठा है तेरे इंतज़ार में, जो भी बाबा

साईं मैं होता तेरे दर का मोर, ख़ुशी मानता दर्शन पाता,तेरे दवार पे करता छोर, साईं मैं होता तेरे दर

मन मंदिर है दवारकामाई, जिसमे रहते है बाबा साई, साई साई तू बोल मन मंदिर तो खोल, तुझे मिल जायेगे

साई साई बोलो साई साई, सब से पहले ये शुभ काम आओ ले साई का नाम, नाम आएगा तेरे काम