
मेरे साईं किरपा करना,
साईं दया करना मेरे साईं किरपा करना, श्रधा और सबुरी साईं सबका मालिक एक ही साईं, साईं दया करना मेरे

साईं दया करना मेरे साईं किरपा करना, श्रधा और सबुरी साईं सबका मालिक एक ही साईं, साईं दया करना मेरे

साई के दरबार में मुश्किल हो जाये गी हल, आज नहीं तो कल, काहे की चिंता काहे की टेंशन घर

दाता तेरा जवाब नहीं संसार में, देखा मैंने सबको तेरे दरबार में, सबको के दिल में है तू रमता हर

किस्मत वाला दिन है आया॥ ख़ुशी है कमाल की, चली है पालकी साईं की पालकी, पालकी चली साईं की पालकी

इस श्याने कर्म का क्या कहना ॥ दर पे जो सवाली आते है, इस श्याने कर्म का क्या कहना ॥

नमस्कार साई सला मैं खुदाया, भटकता हुआ मैं तेरे दर पे आया, नमस्कार साई सला मैं खुदाया, बहुत यु तो

चिंता न कर किसी बात की जय करता जा साई नाथ, होगी सुबह गम भरी रात की जय करता जा

इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले, श्री साई साई कहते फिर प्राण तन से निकले, इतना तो

तुझे ही पाने की हसरत लिए मैं आया हु, दीवाना हो गया दीदार तेरा पाकर के, साई मौला मेरे साई

मेरे मन में बसे हो मेरे तन में बसे हो रोम रोम में तुम्हारा साईं नाम है मुझे प्राणों से