
साई शरण में आकर
साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू, करके सम्पर्ण साई चरण में मन वांछित फल पा ले

साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू, करके सम्पर्ण साई चरण में मन वांछित फल पा ले

रब जैसा दिखने वाला तकदीर लिखने वाला, मिल गया मुझे तकदीर से दर दर जाके जो न मिला, वो मिल

कुछ पाने के खातिर तेरे दर हम भी झोली फलाये हुए है, यहाँ झोली सभी की है भरती इसलिए हम

मेरा सुखी रहे परिवार साईं जी किरपा करो सदा वसदा रहे घर बार साईं जी किरपा करो साईं जी किरपा

मन डगमग डगमग डोले मैं कैसे भजन करूँगा मन में विश्वाश न होगा, मैं कैसे अम्ल करूँगा, मन डगमग डगमग

देता शिर्डी वाला साईं शरनाघट का हाथ, मैं भी तेरी शरण में आया थाम ले मेरा हाथ, रो रही आँखे

कही डूब जाऊ न अब लगा दो तुम किनारा मजधार में फसी है नैया साईं तू ही सहारा कही डूब

आई आई मैं साईं तेरे द्वार साईं जी थोडा प्यार चाहिए , कभी पाया न कोई दुलार साईं जी थोडा

असि रुल्दे फिरदे आ साइयां बांह फड़ लै, असि अकला तो फिर गये आ साइयां बांह फड़ लै, जिस दिन

मन की खोल केवडिया सुन ले साईं का भजन मेरे काम की मोहे लागी रे लगन साईं नाम की बाँट