शिरडी वाले से अपनी मुलाकात हो गई
भज गये ढोल नगाड़े ओये क्या बात हो गई, शिरडी वाले से अपनी मुलाकात हो गई, शुभ दिन आये के
भज गये ढोल नगाड़े ओये क्या बात हो गई, शिरडी वाले से अपनी मुलाकात हो गई, शुभ दिन आये के
जब गमो ने तुम को गेरा हो, तुम हाले साई को सुना देना, जब दुनिया तुम से मुँह मोड़े, तुम
कदे भी सानु भूलना ना बाबा जी सानु भूलना ना, तुसा भूल गए मैं रुल जाना मैं रुल के अथुरु
कुझ मंगना नही साईंया तेरे बाजो मैं तेरे कोलो तेनु मंगना, जग सामने वे माली सारे जग दा ते फेर
रहो ब्क्श्दे जो किते हौये कसूर साईं जी, कदी चरना चो करियो न दूर साईं जी, सोहने स्वर्गा तो शिर्डी
झूमो नाचो गाओ सारे भगतो रंगो से मनाओ आज होली, के पालकी उठाओ के साई साई गाओ, चली रे चली
बनके इंसान फरिश्ता लुटाने रेहमत शिरडी में आया, शिरडी में आया सेवा में दीन दुखी की साई ने अपना जीवन
कंधे पे झोला हाथ में कासा घर घर मांगे भीख, जीना किसको कहते है ये बन्दे ये साई से सीख,
मेरिया सब मजबूरियां साई जान दे ने, क्यों हले तक भी दूरियां साई जान दे ने, मेरिया सब मजबूरियां साई
बोलो सदा जयकार शिरडी साई बाबा की, जब जब होये धर्म की हानि, नाक से ऊपर बढ़ जाए पानी, तब