
साई दी पतंग मैं ता साई दी पतंग
साई दी पतंग मैं ता साई दी पतंग, उड़ना मैं सीखी आ साई जी दे संग, साई दी पतंग मैं

साई दी पतंग मैं ता साई दी पतंग, उड़ना मैं सीखी आ साई जी दे संग, साई दी पतंग मैं

लागी रे सांई लगन तेरे नाम की, लागी रे सांई लगन तेरे नाम की । लागी थी लगन जैसे, लागी

साईं नाम वाली लगन लगा दे बना दे मोहे दीवाना, कोई भगती की मदिरा पिला दे बना दे मोहे दीवाना,

तेरिया तू जाने ओ सैयां तेरियां तू जाने, कोई कुछ न जाने सब कुछ तू ही जाने, तेरिया तू जाने

दीवाना साईं का मस्तना साईं का, बन जायेगा जो दिल की मुरादी सभी पूरी करेगा वो, लाख सितम चाहए कोई

दर से तेरे मिलती है खुशियां मिलती नहीं संसार में , तेरी दया से मिट जाते है जीवन के सब

पूछते हो मेरे साई कहा है, कही बिक्शा वो मांगते मिले गे, क्या किसी ने नीम वृक्ष के निचे बैठे

शंख वजाये शीश झुकाये लो फिर आई है गुरु पूजा, साई शरण में झुकते जाये लो फिर आई है गुरु

मेरे सजदो का कुछ तो सिला दीजिये, शिर्डी वाले से मुझको मिला दीजिये, न दवा दीजिये न दुआ दीजिये, साईं

गाये नाम तेरा और का क्या काम मेरा, सारा जग कहे मुझे साईं गुलाम तेरा, इतना सा काम बना दे,