मैं एक छोटा सा बालक हुँ साईं
मैं एक छोटा सा बालक हुँ साईं, रस्ता शिर्डी का भुला हुआ हुँ । याद आती मुझे शिर्डी की, इसलिए
मैं एक छोटा सा बालक हुँ साईं, रस्ता शिर्डी का भुला हुआ हुँ । याद आती मुझे शिर्डी की, इसलिए
मेरे अंगना के भाग जगा मोरी अंखियो की प्यास भुजाओ साईं बाबा मेरे घर आऔ, कब तक तुमरी राह निहारे
भोग लगाओ साईं आज प्यार भरा पकवान , श्रधा सबुरी से लाया प्यार भरा पकवान, साईं भाव भरा पकवान, थाल
दिल से जो लो गे साईं नाम बन जाये गे बिगड़े काम, बोलो साईं साईं राम बोलो साईं राम, साईं
मैं साईं का साईं मेरे साईं सुमिरु सांझ सवेरे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब तेरे ही बंदे साईं अपना मजहब
तुम हमारे थे ओ साई तुम हमारे हो, तुम हमारे ही रहना ओ मेरे साई नाथ, तुम्हे छोड़ कर मेरे
आज छमा छम नाचूँगा मैं बाँध के घुंगरू पाओ में, बिठा लिया बाबा ने मुझको अपने कर्म की छाव में,
सब का मालिक साई हमारा दुखियो का है सहारा हर नैया का साई खिवैयाँ हर दरिया का किनारा, सब का
साई देव दया कर दीनो कर दीनो तुम महराज, भुधि हीन इस पतित को कर दीनो भव से पार, साई
चलो चलो चलो शिर्डी चलो, साईं की नगरी शिर्डी चलो | साईं का बुलावा आया है, साईं की चिठ्ठी आई