न करो बंदगी न करो इबादत
न करो बंदगी न करो इबादत, इक दूजे दे नाल प्यार करो इक दूजे दा सत्कार करो, सब तो वडी
न करो बंदगी न करो इबादत, इक दूजे दे नाल प्यार करो इक दूजे दा सत्कार करो, सब तो वडी
एक दीया साईं के नाम का रोज घर में जलाया करो ॥ रोज उठ कर सुबह प्रेम से साईं मंदिर
ऐसा वरदन दो साई बाबा, बन के इंसान आ जाए जीना, प्रेम अमृत पिए और पिलाए, वैर का विष पिए
ना तो शिरड़ी की गलियां सोती है, ना तो शिरड़ी का राजा सोता है, आओ चलो शिरड़ी में देखो एसा
साई नू मनन वालेया दी बेहड़ी कदे न अड़ी, फड़ ले साई दा तू पल्ला होजा खोटे तो खरी, साई
तू ही फकीर तू ही है राजा तू ही है साईं तू ही है बाबा साईनाथ, साईनाथ तेरे हज़ारों हाथ
साईंया मेहरबानी ऐ तेरी मेहरबानी ऐ, हर दोष तू सडा भुलाया है सेवा विच आपनी लाया है, जद वी संकट
तू कहा है बता सँवारे मैं तो ढूंडू तुझे गांव गांव रे, पाया नहीं चितचोर मैंने ढूंढा चहु और मेरे
जाहा बाजे साईं धुनी वाहा कोई कमी नही आनंद में है सारे मुशकिल में कोई नही, आये है तेरे द्वारे
देव बहुत देखे मैंने ना देखा ऐसा देव जो माँगा वो दे दिया वो है एक साई देव, साई हमारा