हम है साईं पिया के मस्तकलंदर
साईं बाबा मिले मुझको रब मिल गया, शिरडी वाले से मुझको सब मिल गया, रहते है साईं हर दिल के
साईं बाबा मिले मुझको रब मिल गया, शिरडी वाले से मुझको सब मिल गया, रहते है साईं हर दिल के
रुखी सुखी खाई जप लिया साईं, थकना नही इसी तरह उम्र बिताई, साईं बोल बाबा बोल रोंदेया दिला नु मेरा
शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो, वो पास खड़ा मिल जायेगा, खुद अपने से मिलवायेगा, शिरडी
पालकी रे पालकी साईं की पालकी, साईं की पालकी बाबा की पालकी, प्यार से निहारो मेरे साईं की पालकी, इस
मेरे दोनों हाथो में ऐसी लकीर है, साई से मिलन होगा मेरी तकदीर है, लिख है ऐसा लेख बाबा लिखा
तूने बात किसी की न टाली साई जी, मैं भी तेरे दर पे आया हु मुझे भीख दे, मुझको चरणों
साई दा मेनू चढ़ गया रंग, साईं दामैं मस्त मलंग साईं दा मैं मस्त मलंग, साई दा मेनू चढ़ गया
साई राम जी तेरे चरणों में जन्नत का नजारा देख लिया, सब भूल गए दर दुनिया के तेरा ऐसा द्वारा
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन, काँटों की बरसात भी हो तो महक उठे गा तेरा
साई तेरी तस्वीर से होती रुबरुह अखियां, अक्शो की धारा बह जाती करती तुमसे दिल की पतिया, साई तेरी तस्वीर