शिरडी में जो भी आये बने बिगड़ी तकदीर
मेरे साई का कर्म जो पत्थर पे है लकीर, शिरडी में जो भी आये बने बिगड़ी तकदीर, साई बोले जो
मेरे साई का कर्म जो पत्थर पे है लकीर, शिरडी में जो भी आये बने बिगड़ी तकदीर, साई बोले जो
शिरडी वाले तेरे नाल वे मैं तो ला लिया अँखिया ला लिया अखियां मैं ता ला लिया अखिया. सतगुरु प्यारे
रोके न हमे संसार हमे साई ने भुलाया है, अब कौन करे इंकार हमे साई ने भुलाया है, रोके न
कर्मो का फल तो बन्दे तुझे भोगना पड़ेगा। लेकिन यह साईं शक्ति कुछ दर्द कम करेगी, कुछ अपने सर पे
इतनी किरपा करो मुझपर, गन गाउ सुबह शाम, मेरे मन मंदिर में हर पल गूंजे तेरा नाम, साई राम साई
खुश किस्मत हैं वो इंसान इनपे मेहरबान साईं राम मन मंदिर में तुम हो समाये नित प्रति करते रहो प्रणाम
हे दीनन के पृथपाल साईं जी मेरी लाज रखो, कहा छुपे हो हम भक्तो पे जरा सा ध्यान धरो, साईं
साई नाम जो मन से ध्याए साई जी दुःख करीये, साई किस्मत सब की बनाये साई जी दुःख करीये, साई
ਦੋਹਾ: ਹੱਡ ਮਾਸ ਦੇ ਪਿੰਜਰ ਚੋ, ਰੂਹ ਨਿਕਲ ਜਾਣੀ ਏ, ਨਾ ਕੋਈ ਸੰਗੀ ਨਾ ਕੋਈ ਸਾਥੀ, ਫੇਰ ਖਤਮ ਕਹਾਣੀ ਏ
अब तमना नहीं मांगने की मुझको खरात इतनी मिली है, सिर झुका है तेरे दर पे मेरा, बन्दगी अब मेरी