करदो इक बार कर्म शिरडी के साई बाबा
करदो इक वार कर्म शिरडी के साई बाबा, झोली मजदुर की खैरात से भर दो बाबा, करदो इक वार कर्म
करदो इक वार कर्म शिरडी के साई बाबा, झोली मजदुर की खैरात से भर दो बाबा, करदो इक वार कर्म
बाबा ने सुलतान बनाया जो चौकठ का भिखारी है, क्या शान तुम्हारी है साई जी क्या शान तुम्हारी है, बाबा
मेरे साई की क्या बात चर्चा गली गली, मैं तो गुण गाऊ दिन रात चर्चा गली गली, मेरी होती उस
साई के रंग में साई के रंग में आज रँगाओ, अपनी चुनर सारी रात होली खेलन दे, खेलन दे होरी
कोई आया है कोई आया है, कोई आया है मन की फूलवरियाँ में, कोई जादू है उसकी नजरियां में, कोई
जब से पकड़ा है दामन काम होने लगा है हमारा, रेहमत मिली साई तेरी लगता है कैसा नजारा , साई
दीवाना तेरा आ गया तेरे शिरडी धाम, ऊचा दर तेरा है साई ऊचा तेरा नाम, दीवाना तेरा आ गया तेरे
साई भरोसे चल रे मुसाफिर साई भरोसे चल, मंजिल खुद चल कर आयेगी, आज नहीं तो कल, साई भरोसे चल
रेहम नजर करो अब मोरे साई तुम बिन नहीं मुझे माँ भाप भाई मैं अँधा हु बंदा तुम्हारा मैं न
मुझको कोयल बना दे साईं तेरे बगियाँ की, कह तू उड़ती फिरू साईं तेरी गलियाँ में, मुझको कोयल बना दे…..