तू मारे या तारे साई बाबा हम है दास तुम्हारे
तू मारे या तारे साई बाबा हम है दास तुम्हारे, जब से अपनी आँख खुली है, दिन उजला और शव
तू मारे या तारे साई बाबा हम है दास तुम्हारे, जब से अपनी आँख खुली है, दिन उजला और शव
साई का दरबार सुहाना लागे, भक्तो का भी दिल दीवाना लागे, सब का मालिक है इक है साई ये बोले,
पालकी पे होक सवार साई चले चावड़ी के द्वार, नाचो रे भाई गाओ रे वधाई, पालकी पे होक सवार साई
तेरे नाल प्रीता पकियां सोहना मुखड़ा तक दियां अखियाँ, ना चरना च साईं मेनू दूर करी, इस कमली दा प्यार
ओ बेखबर तुझे क्या पता मेरे साई ने मुझे क्या दिया, मैं जानू मेरा साई जाने, साई ने दी है
साई के चरण छोड़ किस दर जाउंगी, जाउंगी तो मर जाउंगी मर जाउंगी, साई के चरण छोड़ किस दर जाउंगी,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से, आओ मेरी आँख के तारो कहा गये मेरे प्यारो, भुलाये साई बाबा
एंज लगदा ए,एंज लगदा ए, मेरा साईं आया घर मेरे मंजूर होया मेरा सजदा है, मैं लाख लाख शुकर मनावा
मैं तो जाऊ शिर्डी नगरियाँ रे मन साईं साईं बोले मन साईं साईं बोले मन साईं साईं बोले सब के
जय जय जय साईं राम, जय जय जय साईं श्याम । ले श्रीसाईं का नाम रे रोज सुबह और शाम,