मोरे साई मिले सभी के दिल में
मोरे साई मिले सभी के दिल में, सभी मिले साई में , साई मिले कौन से रूप में कोई जाने
मोरे साई मिले सभी के दिल में, सभी मिले साई में , साई मिले कौन से रूप में कोई जाने
कोई अली आखे कोई वली आखे, कोई कहे दाता सचे मालिका नु । मेनू समज न आवे की नाम देवा,
सब छोड़ के जमाना आया हु तेरे द्वारे, नैया भवर में मेरी तू डुबो या लगा किनारे, सब छोड़ कर
बड़े भगये से साई तुम्हारा दर्शन पाते है, वो किस्मत वाले होते है जो शिरडी आते है, साई तुम्हारे चरणों
एह भवन सुहाना ऐ विच मेरा साईं वसदा एह साईं दा ठिकाना है एह साईं दियां संगता ने साईं नु
अगर फैसला लिया है साई की भक्ती पानी, मन को बता दिया है दुनिया है आणि जानी, आ द्वार पे
साईया वे सोह्नेया, हर जरे में पाया तेरा रूप साईया वे सोह्नेया तेरा रूप होले होले चलती हवा चैन सकून
अमृत को छोड़ के ज़हर काहे पीजिये, साई नाम लीजिये सदा मौज कीजिये, मीठा साई नाम है मीठी साई की
जब दुनिया तुम्हे सताये कोई न गले लगाए, उस समय तू बंदे धयाना साई राम साई राम पैसे की दुनिया
सांसो की माला पे जो तू साईं नाम पिरोले बन्दे, रग रग तेरी नस नस तेरी साईं साईं बोले बंदे,