
सच की राहो पे तू हम को चला साई
सच की राहो पे तू हम को चला साई, सच की राहो पे तू सबको को चला साई, नेकी की

सच की राहो पे तू हम को चला साई, सच की राहो पे तू सबको को चला साई, नेकी की

वीर बलि है मेरे बांका तुमने जला दी सोने की लंका रावण झूठे पीटा डंका दूर किया तुमने सभी की

मुझको तो बाह गया है शिरडी के धाम आना, चरणों में तेरे साई मुझे मिल गया ठिकाना, तुझसे बिछड़ कर

ॐ जय साईं ॐ जय साईं ॐ। ॐ जय साईं ॐ जय साईं ॐ॥ साईं जी मै तेरी पतंग, सतगुरु

कभी शिव बन के वो हम को भोले के दर्शन है कराये, कभी बन के गुरु वो हम को गुरुबाणी

साई तुझे दिल की सुनाऊ मैं सदा तेरा दास काहू मैं, सदा तेरे संग रहना चाहु मैं, तेरे बिन चैन

बल्ले बल्ले बल्ले बई होगी बल्ले बल्ले, मेहर करी मेहरा वाले ने हो गये कम सवले, बल्ले बल्ले बल्ले बई

जब बाबा भुलाये गे शिरडी की बस्ती में, हम बैठ के जायेगे ईमान की कश्ती में, अपनी मस्ती मस्ती में,

साई किरपा दे नाल सब काम हो गया, साई मेहरबान होये मेरा नाम हो गया, मैं दिलो करदा हां शुकराना

तुम्हे देखने की तमना बड़ी है, इन आँखों की किस्मत जगा दो जी साई, सुना मैंने शिरडी के अजब है