लागी री लगन
लागि रे साईं, लगन तेरे नाम की, लागी थी लगन जैसे, मीरा जी को श्याम की, ऐसी लगन लगी रे
लागि रे साईं, लगन तेरे नाम की, लागी थी लगन जैसे, मीरा जी को श्याम की, ऐसी लगन लगी रे
घर की इक इक भुटटी पे भक्ति का समान मिले, इतनी भगति हो जाये अंत में शिरडी धाम मिले, ऐसी
भगवन मिला धनवान मिला, मिल गया है साई शिरडी में, जो सबका मालिक है जो सबका मालिक है, हर जन
मेरे घर में साईं आया ये कर्म नही तो क्या है, निर्धन ने धन कमाया ये कर्म नही तो काया
मेरे साई तेरी महफ़िल का नजारा क्या है, मेरे बाबा तेरी रेहमत का इशारा क्या है, मेरे साई तेरी महफ़िल
मेरे साई ने रखली लाज मेरी, मेरे छोटे से घर में बैठ गये, मेरी पूजा को स्वीकार किया, मेरे मन
कमली हो के दरबार मैं रोज़ नाचूं, साईं नाम का चेहरे पे नूर होवे | तुम्बा जिंदड़ी दा, भक्ति दी
साईं नाम का सुमिरन करले साईं नाम अनमोल जीवन सफल हो जाएगा बंदे साईं साईं बोल साईं साईं बोल रे
सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है, बेठा सिंगासन पर मैंने वो शिर्डी वाला देखा है, इक
साई साई मैं जपु सुबहो शाम,साई लागे सबसे महान, साई राज दुलारा साई सबका प्यारा, मन मोरा लागे शरण में