
जैसे सूरज निकलता है पुरब दिशा से,
जैसे सूरज निकलता है पुरब दिशा से, वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है, जैसे चन्दा चमकता है तारों के

जैसे सूरज निकलता है पुरब दिशा से, वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है, जैसे चन्दा चमकता है तारों के

साईं की भगती से मिलती है शक्ति करके तो देखो जरा साईं की याद में आँखों में आंसू भर के

शिरडी में कशी मथुरा शिरडी में हरिद्वार, साई की पावन नगरी में सब धामों का धाम, चलो चले शिरडी चलो

मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली, मैं तो गुण गाऊ दिन रात चरचा गली गली. मेरी होती उस

चलो चलो दवारियाँ माई जहा बैठे है साई, वहाँ हर मर्ज की मिलती है मुफत दवाई, चलो चलो दवारियाँ माई

खाली हाथ तो आया हु पर खाली हाथ न जाऊगा जो सुनी न तुमने साईं मेरी मैं मर जाऊँगा खाली

कंकड़ पत्थर मांग मांग के सारा जग बोराया, जिसने तुझसे तुझको माँगा उसने सब कुछ पाया, साईं नाथ दया कीजिये,सिर

किस चीज की कमी है साईं तेरी गली में॥ रहमत बरस रही है साईं तेरी गली में॥ फुल्लो की तरह

शिरडी में मेरे बाबा के चल कर जो आ गया, दुःख दूर हुए उसके सब कुछ वो पा गया, चढ़

मेरी माला के मोती बिखर गये, बड़े चाव से मैंने बनाई थी, मेरे अपने छुट गये साईं मैं जिनको अपना