युग युग बीते लेते लेते साईं नाम
युग युग बीते लेते लेते साईं नाम तुम कब बुलाओ गे अपने धाम, जीने में अब कोई अर्थ ना रहा
युग युग बीते लेते लेते साईं नाम तुम कब बुलाओ गे अपने धाम, जीने में अब कोई अर्थ ना रहा
साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है, काली काली रात में भी रोशनी सी आई है, आखियो को खोल
मुक्तसर है ये मेरी कहानी साईं बाबा की हुई मैं दीवानी, दीवानी मैं दीवानी, उसका मुखड़ा है मेरा दर्पण, उसका
मेरे मन में समाओ मेरे साई बाबा मेरे साई बाबा शिरडी वाले बाबा अब आओ बाबा न सताओ बाबा मै
शेयर :-जब भी मैं किसी काम में नाकाम हो गया …, लेते ही तेरा नाम, मेरा
दुख के मारे जा रहे है बाबा के दर सारे सब लाचार बिचारे सबका दुख हर लेंगे साई नाथ हमारे
आज गुरूवार है साईं तेरा वार है, सचे दिल से जो कोई आवे उस का बेडा पार, आज गुरूवार है
राम रहीम को भजने वाले तेरे पुजारी बाबा, तेरा नाम एक सहारा, तुम्ही हो गीता तुम्ही रामायण तुम्ही हो वेद
किसे दी गरीबी दा मजाक नही उड़ाई दा, तू की जाने भेद मेरे साईं दी खुदाई दा, किसी दी गरीबी
साई नाथ साई नाथ दया करो साई नाथ महाराज, तुम ही जगत के पालनहारे तुम ही सब के होर सरताज,