शनि चालीसा
जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल कर्ण किरपाल दीन के दुःख दूर करि, कीजये नाथ निहाल, जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु
जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल कर्ण किरपाल दीन के दुःख दूर करि, कीजये नाथ निहाल, जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु
मेरे शनि देवा मेरे शनि देवा महाराज तेरी महिमा जग में गूंज रही तेरी डंका जग में बाजे तेरी महिमा
हर पल हर घडी है मुझको ये आभास, ये तन मेरा ये मन रहता है तुम्हारे पास, सब कष्ट हरे
शक्तिशाली विपदाहारी है बलशाली, विपदाहारी है बलशाली विपदाहारी है बलशाली विपदाहारी, शनि शरण में जो कोई आये संकट ना उसे
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले । तुम सूर्य पुत्र बलिधारी, भय मानत दुनिया सारी ।
जय जय शनिदेव भगवान तुम्हारी महिमा आलीशान, तूने राजा भिखारी बनाये तेरे कोटक समज न आये, पल में तोड़े मान
शनि देव रूठा रे आस्मां टुटा, आज मेरे जीवन में हार हो गई, नसीब का फेरा उल्टा रे, शनि देव
जय जय शनि देव् अद्भुत तेरी ही माया शनि तेरी विशाल है काया, शनि तीर्थ जगत चोगना कर के मैंने
जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभु छाया महातारी , जय जय जय शनि देव….. श्याम
आज शनिवार है शनि देव का वार है,पावन दिन है आज, जय जय शनि देव महाराज रखलो भक्तन की तुम