
सूरज जब पलके खोले मन नमः शिवाये बोले
सूरज जब पलके खोले मन नमः शिवाये बोले, मैं दुनिया से क्यों डरु मेरे रक्षक है भोले, ॐ नमः शिवाये
सूरज जब पलके खोले मन नमः शिवाये बोले, मैं दुनिया से क्यों डरु मेरे रक्षक है भोले, ॐ नमः शिवाये
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये और ध्यान लगाए किसका, ना जाने वो डमरू वाला न जाने वो डमरू वाला ।
हे शिवशंकर नटराजा, मैं तो जनम जनम का दास तेरा । निसदिन करता मैं नाम जपन तेरा, शिव शिव शिव
ॐ नमः शिवाय हरी ॐ नमः शिवाय शिव संभु का महामंत्र है मुक्ति का उपाय जब जब डोले जीवन नैया,
!! महेश वंदना !! किस विधि वंदन करू तिहारो – ओढरदानी त्रिपुरारी बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !!
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा भोले का साथ हो
मैं तो हो गया भोले का दिवाना शरण में आया हूँ भोलेनाथ का सहारा मोहे लागे अती प्यारा मै तो
बम बम भोले नाथ जय जय शिव शंकर तन पे भबूती, नंदी सवारी, भोला भंडारी रे, भोला भंडारी ll भोला
डम डम डमरू भाजे शंकर कैलाश पे नाचे, तांडव करे ोगडदानी धरती अम्बर सब कांपे, कोई न माया शिव शमभू
मेरा भोला महान् , इनको पुजे जहान करता है भक्तो की रखवाली, तू तीन लोक का माली हो……. भोले बाबा…….